यूँ समंदर में अकेले डूब जाना अच्छा है
यूँ आसमा में दूर तन्हा उड़ जाना अच्छा है
कोई छोड़ दे रस्ते में साथ अपना तो
ज़िन्दगी ये तन्हा और तन्हा जी जाना अच्छा है...|
ज़िन्दगी ये तन्हा और तन्हा जी जाना अच्छा है...|
यूँ शिशिर की रात में ठिठुर जाना अच्छा है
यूँ पवन के झोकों में बह जाना अच्छा है
कोई ग़म दे दस्तक अगर दिल पे बार- बार
तो ऐसी याद से दूर और दूर हो जाना अच्छा है
उनके ख़्वाबों में खुद से अन्जान हो जाना अच्छा है,
अपनी ही धडकनें सुन हैरान हो जाना अच्छा है,
यकलख्त मिल जाए यहाँ गर भीड़ में सनम
भीड़ में गुमनाम और गुमनाम हो जाना अच्छा है
तारीकियों की गोद में सो जाना अच्छा है,
बगैर उनके इश्क के साँसें थम जाना अच्छा है,
ग़लतफ़हमी की आग में कभी जलने से पहले,
"शिप्रा" का अपनी ही लहरों में फ़ना और फ़ना हो जाना अच्छा है|
उनके ख़्वाबों में खुद से अन्जान हो जाना अच्छा है,
अपनी ही धडकनें सुन हैरान हो जाना अच्छा है,
यकलख्त मिल जाए यहाँ गर भीड़ में सनम
भीड़ में गुमनाम और गुमनाम हो जाना अच्छा है
तारीकियों की गोद में सो जाना अच्छा है,
बगैर उनके इश्क के साँसें थम जाना अच्छा है,
ग़लतफ़हमी की आग में कभी जलने से पहले,
"शिप्रा" का अपनी ही लहरों में फ़ना और फ़ना हो जाना अच्छा है|
3 comments:
शिप्रा जी
मन के विविध भावों को बहुत सादगी से व्यक्त कर दिया है आपने -
यूं आसमा में दूर तन्हा उड़ जाना अच्छा है
…और श्रेष्ठ सृजन के लिए मंगलकामनाएं हैं !
विलंब से ही सही…
♥ स्वतंत्रतादिवस सहित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
hmre blog pr ane k lie dhanywad.....
bahut bahut shukriya sir.....
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